
16 जिलों में मिड डे मील न बनने का मामला सामने आने के बाद शासन ने अफसरों को मामले की जांच करने और जिम्मेदारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में विभिन्न विद्यालयों में मिड डे मील न बनने का मामला सामने आया है। ये मामला बीते महीने 19 से 30 सितंबर के बीच का है। शासन ने इसकी जांच करके कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
इस मामले की जानकारी मिड डे मील की निगरानी के लिए बने आईवीआरएस पोर्टल पर विद्यालयों से ही मिली है। इस पोर्टल पर प्रधानाध्यापक या प्रभारी शिक्षक को रोजाना मिड डे मील बनने व उसके वितरण की जानकारी देनी होती है। इसी क्रम में पोर्टल पर बदायूं के 23, प्रयागराज के 16, शाहजहांपुर के 15, बलिया के 14, उन्नाव के छह, आजमगढ़, कानपुर देहात, कुशीनगर के पांच-पांच, संतकबीरनगर, गोरखपुर के चार-चार और बरेली, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, रायबरेली व वाराणसी के तीन-तीन विद्यालयों में मिड डे मील न मिलने की बात सामने आई है।
इसी पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित अधिकारियों से इसकी जांच कराने व कार्रवाई करने के लिए कहा है। वहीं कोविड काल का खाद्य सुरक्षा भत्ता बांटने व उसका उपभोग प्रमाणपत्र पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश महानिदेशक ने पूर्व में दिए थे। इसके बावजूद कई जिलों से उपभोग प्रमाणपत्र देने में ढिलाई बरती गई।