बीजेपी नेताओं की नो एंट्री!
अखिलेश यादव की सपा नेताओं को चेतावनी..!

अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को बीजेपी नेताओं से दूर रहने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जो भी बीजेपी नेताओं को समाजवादी पार्टी में लेने की पैरवी करेगा, उसे वो बाहर कर देंगे. ऐसा कहकर अखिलेश अपना माहौल बनाए रखना चाहते हैं. वो ये बताना चाहते हैं कि बीजेपी में भगदड़ मची है. बीजेपी में सब अपने लिए बेहतर रास्ते तलाश रहे हैं. इस बीच उनके लिए चुनौती लोकसभा चुनाव वाले नतीजों को विधानसभा चुनाव में दोहराने की है. यूपी विधानसभा चुनाव साल 2027 की शुरुआत में होने हैं. तब तक समाजवादी पार्टी का माहौल टाइट कैसे रहे, इसीलिए अखिलेश ने चेतावनी वाला ये दांव चल दिया है.
अखिलेश यादव दो साल के ब्रेक के बाद फिर से दिल्ली की राजनीति में हैं. सुबह जब वो संसद के लिए निकल रहे थे, पश्चिमी यूपी के एक नेता उनसे मिलने पहुंच गए. वो अखिलेश की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. अखिलेश से मिलाने के लिए वो अपने साथ बीजेपी के एक नेता को लेकर गए थे.वो चाहते थे कि बीजेपी के नेता को अखिलेश टिकट देने की गारंटी दें. मगर, अखिलेश दूसरे मूड में थे. न उन्होंने टिकट की गारंटी दी और न ही बीजेपी के नेता से मिलने को तैयार हुए. बीजेपी नेता दिल्ली में अखिलेश के घर के बाहर अपनी गाड़ी में बैठे रहे. अखिलेश ने तो समाजवादी पार्टी के उस नेता को दोबारा ऐसा काम न करने की नसीहत भी दे डाली.ये सच है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही समाजवादी पार्टी कैंप का जोश हाई है. पार्टी ने अब तक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीती हैं. जबकि यूपी बीजेपी में घमासान मचा है. आपसी गुटबाज़ी चरम पर है. बीजेपी में एक नेता दूसरे का काम लगाने में जुटा है. ऐसे में बीजेपी के कुछ नेता अभी से समाजवादी साइकिल की सवारी के जुगाड़ में हैं.फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद इन दिनों हमेशा अखिलेश यादव के आसपास ही नजर आते हैं. अचानक से पार्टी के अंदर और बाहर उनकी अहमियत बढ़ गई है. एक दिन अचानक वो लखनऊ में अखिलेश से मिलने पहुंचे. वो बीजेपी के एक नेता को समाजवादी पार्टी में लेने की जिद करने लगे. अखिलेश ने बहुत समझाया लेकिन अवधेश मानने को तैयार नहीं हुए.अखिलेश यादव दोनों तरह के मजे लेने के मूड में हैं. वो चाहते हैं कि यूपी के गांव-गलियों तक ये बात फैल जाए कि बीजेपी अब डूबती नैया है. वहां नेताओं में पार्टी छोड़ने की होड़ मची है लेकिन लोगों को लेकर वो अपनी पार्टी की सेहत खराब नहीं करना चाहते हैं.दलबदलू नेताओं के कारण उनकी पार्टी में बवाल न हो जाए, इसका वो विशेष ध्यान रख रहे हैं. यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में इस तरह के आरोप अखिलेश पर लगे थे. इसका नुकसान भी उन्हें चुनाव में हुआ. इसीलिए इस बार वो कोई गलती दोहराने के मूड में नहीं हैं.