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संविदा स्टाफ नर्स के मानदेय में पांच प्रतिशत वृद्धि, एनआरएचएम ने दी मंजूरी

एनएनएम की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में 4,699 स्टाफ नर्स संविदा पर तैनात हैं। एक से लेकर पांच वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं दे रही हैं। इन्हें 29,374 रुपये से लेकर 20,013 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान किया जा रहा है।

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स के लिए खुशखबरी है। स्टाफ नर्स को मानदेय वृद्धि का तोहफा दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 से नई व्यवस्था के तहत बढ़े मानदेय का भुगतान होगा।

ग्रामीण व सरकारी क्षेत्र के सामुदायिक, प्राथमिक, हेल्थ पोस्ट सेंटर में स्टाफ नर्स की तैनाती है। संविदा पर तैनात स्टाफ नर्स को अनुभव के अनुसार मानदेय प्रदान किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर एनएचएम ने स्टाफ नर्स के मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव भेजा था। केंद्र सरकार ने मानदेय वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

पांच फीसदी मानदेय का इजाफा
एनएनएम की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदेश में 4,699 स्टाफ नर्स संविदा पर तैनात हैं। एक से लेकर पांच वर्ष से अधिक अवधि से सेवाएं दे रही हैं। इन्हें 29,374 रुपये से लेकर 20,013 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्रदान किया जा रहा है। इनमें से 1047 स्टाफ नर्स के एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन की है। नई गाइडलाइन के तहत एक वर्ष के भीतर नौकरी ज्वाइन करने वाली स्टाफ नर्स को पांच फीसदी बढ़े वेतन का लाभ नहीं प्रदान किया जायेगा। जबकि इससे पूर्व में तैनात स्टाफ नर्स के मानदेय में पांच फीसदी का इजाफा किया गया है।

केंद्र सरकारी की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े जरूरतमंद व्यक्ति को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। जब कर्मचारी प्रसन्न रहेंगे तो वे मन लगाकार मरीजों की सेवा कर सकेंगे। पांच प्रतिशत मानदेय में वृद्धि के लिए सभी स्टाफ नर्स को बधाई।
– बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

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