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एक एग्जाम ने खोल दी सरकारी व्यवस्थाओं की पोल, ट्रेन और बसों में भेड़-बकरी की तरह लदे छात्र

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की यूपी पीईटी परीक्षा में उमड़ी भीड़ ने सरकारी इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है। हजारों की संख्या में छात्रों का हूजुम बस और रेलवे स्टेशनों पर भेड़-बकरियों की तरह धक्के खा रहा है।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की यूपी पीईटी परीक्षा देकर लौटे हजारों परीक्षार्थियों का हुजूम शाम को सेंट्रल स्टेशन, अनवरगंज और झकरकटी बस अड्डा पहुंचा तो सारे इंतजाम ध्वस्त से हो गए। मुस्तैद रेलवे पुलिस अमले ने किसी तरह भीड़ को नियंत्रित किया। हालत यह थी कि आगरा इंटरसिटी, चौरीचौरा, प्रतापगढ़ इंटरसिटी, ऊंचाहार सहित अधिकांश ट्रेनों के रिजर्व कोचों में भीड़ घुसी। 88128 परीक्षार्थियों में लगभग 60 हजार परीक्षा में शामिल हुए।

इसका अंदाजा इी से लगा कि प्लेटफार्मों पर ट्रेनों के रूकते ही परीक्षार्थियं को जब गेट से चढ़ने को न मिला तो वे लोग खिड़कियों से अंदर चढ़ने लगे। इसी तरह का नजारा अन्य ट्रेनों में भी चढ़ने को दिखा। शाम साढ़े पांच बजे के बाद एकाएक झकरकटी बस अड्डे पर लोड बढ़ा तो पूर्वांचल और बुंदेलखंड रूटों की बसें खोजे न मिली। बसों में चढ़ने को हाथापाईं तक हुई। बसों में भी भीड़ खिड़कियों से चढ़ी। वैसे रेल प्रशासन ने सात स्पेशल ट्रेनें चलाईं फिर भी भीड की वजह से नाकाफी रही।

सेंट्रल स्टेशन पर शाम लगभग पौने छह बजे आई आगरा इंटरसिटी के  एसी कूपों में कब्जा हुआ तो उन्हें पुलिस उतारती तो वे ट्रेन चलने पर दूसरे गेटों से फिर चढ़ जा रहे थे। इस तरह का नजारा शाम से देररात तक कई ट्रेनों में दिखा। बस अड्डे पर भी भीड़ देररात तक लगी रही। कई परीक्षार्थी रात के समय ट्रकों में सवार होकर गए। 

उन्नाव, कन्नौज,हरदोई रूटों की बसें कम पड़ी

शाम लगभग छह बजे हरदोई, कन्नौज, उन्नाव रूटों की बसों की सबसे अधिक डिमांड रही। हालत यह थी कि आधे घंटे के भीतर इन रूटों की सात बसें फुल हो गईं। हर बस में यात्री लोड डेढ़ से दो सौ फीसदी का रहा। 42 सीटर बस में 62 तो 52 सीटर में 90-92 यात्री गए।   

ई रिक्शा और आटो चालकों की चांदी,मनचाहा पैसा वसूला

रोडवेज और निजी सिटी बसें रविवार को सुबह से ही  फुल होकर चली। चौराहों-चौराहों पर परीक्षार्थियों का झुंड वाहनों की तलाश में दौड़ता रहा। । इसका फायदा आटो और ई-रिक्शा चालकों ने जमकर उठाया। दोपहर लगभग 12.15 बजे  पीएमसी मोड़ से न्यू आजादनगर तक के लिए ई-रिक्शा वालों ने 125 रुपये लिए, जबकि आमदिनों में 40-50 रुपये में जाते हैं। जीटी रोड से एक नंबर प्लेटफार्म तक की ओर जाने के लिए ई-रिक्शा वाले 15-15 रुपये लिए, जबकि पांच रुपये पड़ते हैं।  इसी तरह डीएवी कालेज से घंटाघर के लिए ई-रिक्शा 100 रुपये में गए। जबकि ई-रिक्शा का किराया 20 रुपये पड़ता है।  

एसीएम,आरपीएफ ने संभाला मोर्चा,भीड़ को नियंत्रित करा लाइन लगवा चढ़ाया

दूसरे दिन भी शाम को स्टेशन पर भारी भीड़ परीक्षार्थियों की पहुंची। इसकी वजह से सहायक वाणिज्य प्रबंधक संतोष कुमार त्रिपाठी, आरपीएफ प्रभारी बीपी सिंह और जीआरपी जवान प्लेटफार्म पर शाम सवा पांच बजे से देररात तक मोर्चा संभाले रहे। दो से नौ नंबर तक रस्सा टीमें लगी रही। अफरातफरी न हो, इसके लिए परीक्षार्थियों को लाइन लगवा चढ़वाया गया फिर भी भीड़ धक्का देकर कोचों में चढ़ती दिखी। 

टाटमिल और नयापुल पर रेंगे वाहन, झकरकटी से स्टेशन रोड तक लगे बीस मिनट

छुट्टी का दिन होने के बावजूद रविवार को दिन और शाम के समय अफीमकोठी चौराहे से झकरकटी और झकरकटी से स्टेशन रोड के सामने तक वाहनों की लाइन लगी रही। शाम लगभग साढ़े पांच बजे एकाएक ई-रिक्शा, आटो, टेंपो और बसों की धमाचौकड़ी बढ़ी और शाम के समय सड़कों पर आमजनों का लोड पड़़ा तो जाम सा लगा। इसका अंदाजा इसी से लगा कि अफीमकोठी से स्टेशन रोड तक जीटी रोड की दूरी कोई डेढ़ किमी. है, इतनी दूरी तय करने में 20 मिनट लगे। कमोवेश यह हाल नया पुल पर भी दिखा। परीक्षार्थियों की वजह से रामादेवी, बारादेवी, नौबस्ता और रावतपुर चौराहों पर भी जाम सा लगा।

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