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बजट के पहले वित्त मंत्रियों के इस्तीफा देने और पार्टी से निकाले जाने की कहानी…!

घोटाला, इस्तीफा और विवाद…?

Budget 2024:

हमारे देश में एक सरकार है। प्रधानमंत्री हैं। वित्त मंत्री और गृह मंत्री हैं। वित्त मंत्री के काम में बजट पेश करना भी शामिल है, लेकिन 75 साल के इतिहास में तीन मौके ऐसे आए हैं जब वित्त मंत्री ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया। ऐसा क्यों और कब हुआ? आइए बताते हैं।केंद्रीय बजट पेश करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्री की होती है, लेकिन कई ऐसे भी मौके जाए जब देश के प्रधानमंत्रियों ने सदन में बजट पेश किया. इस दौरान रिकॉर्ड भी बने और कई ऐसी घोषणाएं भी हुईं, जिसने देशवासियों को चौंका दिया. ये बजट कई मायनों में खास रहे क्योंकि वित्त मंत्री की गैरमौजूदगी ने लोगों का ध्यान खींचा. अब एक बार फिर बजट पेश होने वाला है. 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री के रूप में यह उनका 7वां बजट है.

Budget 2024: Modi government set to present 13th budget on July 23 | Key  announcements from previous 12 budgets | Zee Business

पिछले 77 सालों के इतिहास में देश के 3 प्रधानमंत्री ऐसे भी रहे जिन्होंने संसद में बजट पेश किया. इसके साथ ही उन्होंने कई ऐसी घोषणाएं भी की जो चर्चा में रहीं.पंडित जवाहर लाल नेहरू बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे. वित्त वर्ष 1958-59 का बजट उन्होंने पेश किया. पहले यह बजट तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामाचारी पेश करने वाले थे लेकिन उनका नाम मुद्रा घोटाले में आने के कारण इस्तीफा देना पड़ा था. वित्त मंत्री के इस्तीफे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालते हुए बजट पेश किया.पंडित नेहरू ने अपने बजट में गिफ्ट टैक्स की घोषणा की. बजट में कहा गया कि 10 हजार रुपए की वैल्यू वाली सम्पत्ति का ट्रांसफर करने पर गिफ्ट टैक्स देना होगा. हालांकि, उस बजट में इसको लेकर छूट का भी प्रावधान रखा गया. कहा गया कि अगर कोई पत्नी को 1 लाख रुपए तक का गिफ्ट देता है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा.

नेहरू के बजट की खास बातें…

  1. 10 हजार रुपये से ज्यादा की संपत्ति के ट्रांसफर पर गिफ्ट टैक्‍स का प्रावधान किया गया। इसमें एक छूट यह भी थी कि पत्‍नी को 1 लाख रुपये तक के गिफ्ट देने पर टैक्‍स नहीं लगेगा। इसे ‘गिफ्ट टैक्‍स’ कहा गया।
  2. देश के कई हिस्सों में सूखे के बावजूद कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई।
  3. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में विदेशी मुद्रा में भी कमी आई।
  4. सरकार ने देश के बंदरगाहों, ट्रॉम्बे थर्मल स्टेशन, डीवीसी, द हाइड्रोइलैक्ट्रिक प्रोजेक्ट की मदद के लिए वर्ल्ड बैंक से रिपोर्ट मांगी।
  5. कई क्षेत्रों में मदद के लिए US, USSR, UK, फ्रांस, वेस्ट जर्मनी, कनाडा और जापान ने सॉफ्ट लोन ऑफर किया।
Budget throwback: Prime Ministers who presented the Union Budget -  Hindustan Times

 

साल 1970 में इंदिरा गांधी की सरकार थी। मोरारजी देसाई उप प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्रालय भी संभाल रहे थे। इंदिरा के प्रधानमंत्री बनने के कारण वह पार्टी के भीतर बगावत पर उतर आए। कांग्रेस ने उन्हें 12 नवंबर 1969 को पार्टी से ही बाहर कर दिया। इसके बाद इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्रालय संभाला और 28 फरवरी 1970 को पहली और आखिरी बार बजट पेश किया।

उस बजट की ख़ास बातें

  1. इस बजट में इंदिरा गांधी ने इनडायरेक्‍ट टैक्‍स में एक बड़ा फैसला किया, जिसके तहत सिगरेट पर टैक्स 3% से बढ़ाकर सीधे 22% कर दिया।
  2. डायरेक्‍ट टैक्‍स में इंदिरा गांधी ने गिफ्ट टैक्‍स के लिए संपत्ति की कीमत की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए को घटाकर 5,000 रुपए कर दी थी। यानी, 5,000 रुपए से ज्यादा का गिफ्ट होने पर उसे टैक्‍स के दायरे में लाया गया था।

 

 

 

 

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