प्रॉपर्टी के लिए बच्चे बने हैवान, 72 साल की मां को बेटों और बहुओं ने बुरी तरह पीटा; हाथ तोड़ा

गुरुग्राम में प्रॉपर्टी और पैसे के लालच में बेटों और बहुओं ने 72 साल की बुजुर्ग महिला को बुरी तरह टॉर्चर किया। महिला के साथ मारपीट करके उसे कमरे में बंद कर दिया गया। गला दबाने की कोशिश की।
गुरुग्राम जिले के बजघेरा गांव में एक 72 साल की महिला के साथ उसके दो बेटों और उनकी पत्नियों ने कथित तौर पर संपत्ति को लेकर मारपीट की। बुजुर्ग महिला के कई फ्रैक्चर हो गए हैं। सहायक पुलिस आयुक्त शिव अर्चना शर्मा ने कहा, ‘सभी संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाएगा। हमने महिला की इलाज कराने में मदद की है।’ यह घटना 22 अक्टूबर को घटित हुई।
पुलिस ने कहा कि महिला का बड़ा बेटा 40 साल का और छोटा बेटा 37 साल का है। उन्होंने और उनकी पत्नियों ने उसे प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने को मजबूर करने के लिए कई दिनों तक भूखा रखा। इसके बावजूद भी जब उसने उन्हें संपत्ति नहीं सौंपी, तो उन्होंने उसकी पिटाई कर दी और 22 अक्टूबर को पूरी रात कमरे में बंद रखा। दर्द से कराहते हुए उसने अपने एक किराएदार से एक से दरवाजा खोलने की विनती की, यह वादा करते हुए कि वह किसी को नहीं बताएगी।
अगली सुबह जब किराएदार ने दरवाजा खोला तो महिला घर से भाग निकली। मामले की जानकारी गांव के बुजुर्गों को हुई और उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने उसे सेक्टर 10ए के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। पुलिस ने कहा कि जब उन्होंने महिला को देखा, तो उन्हें उसके गले पर एक निशान दिखा। जिससे पता चला कि बेटे और बहुओं ने उसका गला घोंटने का प्रयास किया था।
महिला के रिश्तेदार विकास कुमार ने कहा, ‘उनका दाहिना हाथ टूट गया है। डॉक्टरों ने मेटल की छड़ डालकर इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की। उनकी नाक भी टूट गई। उनके बेटों और बहुओं ने लकड़ी के डंडों से उसपर हमला किया और उसे लात-घूंसे भी मारे। उसके सिर, कमर और शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान हैं।’ महिला के पति की आठ साल पहले मृत्यु हो चुकी है और उसे 2,500 रुपये मासिक पेंशन मिलती है।
महिला ने 23 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अस्पताल से विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट मिलने के बाद गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई। कुमार ने कहा, ‘वह वर्तमान में नजफगढ़, दिल्ली में अपनी चार बेटियों में से एक के साथ रह रही हैं। वह ठीक नहीं हुई हैं और दर्द से जूझ रही हैं। यह सब उनके बेटों द्वारा उनके बैंक खाते में मौजूद पैसे और बजघेरा गांव के एक प्लॉट, जिसकी कीमत लगभग 60-70 लाख रुपये होगी, उसे सौंपने के लिए मजबूर करने के लिए किया गया था।’